खुशी ( कही खो गई)
आजकल की दुनिया में सभी व्यक्ति परेशान है ।चिंता ,तनाव, अवसाद जैसी स्थितियों से जूझ रहा है ।खुश रहना तो जैसे भूल ही गया है आईए जानते हैं कुछ ऐसी बातें जिसे अपने जीवन में कुछ बदलाव कर सकते हैं
ख़ुशी का सीधा संबंध मन-मस्तिष्क एवं भावनाओं से होता है। जब हम अपनी पसंद का कोई काम करते हैं या हमारी कोई इच्छा पूरी हो जाती है तो हमें ख़ुशी की अनुभूति होती है और ये ख़ुशियों की अनुभूति हमारे मस्तिष्क में हैप्पी हॉर्मोन से नियंत्रित होती हैं।
अपनी पसंद का कोई काम करते हैं या हमारी कोई इच्छा पूरी हो जाती है तो हमें ख़ुशी की अनुभूति होती है और ये ख़ुशियों की अनुभूति हमारे मस्तिष्क में हैप्पी हॉर्मोन से नियंत्रित होती हैं। हैप्पी हॉर्मोन चार प्रकार के होते हैं, डोपामाइन, सेरोटोनिन,ऑक्सीटोसिन और एंडोर्फिंस।इन चारों हॉर्मोन की अलग-अलग ज़िम्मेदारी है, जिनके नियमित और संतुलित स्राव से आप ख़ुश रहते हैं, जो मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत ज़रूर है। इन हार्मोन को कैसे बढ़ा सकते हैं, जानिए।
डोपामाइन हार्मोन
इस हार्मोन का स्राव तब होता है जब हमारे मस्तिष्क को यह संकेत मिलता है कि हमें पुरस्कार या सराहना मिली है। यदि हमने कोई लक्ष्य स्थापित किया है और वह पूरा हो रहा है या हो गया है, तब डोपामाइन हार्मोन का स्राव होता है। इसके घटने पर हम कम प्रेरणा महसूस करते हैं, किसी काम को करने या आनंद लेने में रुचि कम हो जाती है।
इसे ऐसे बढ़ाएं...
नए छोटे-छोटे लक्ष्य बनाएं और धीरे-धीरे उन्हें पूरा करने की कोशिश करें। उद्देश्य पढ़ाई, नौकरी या किसी प्रकार की सफलता हासिल करने से संबंधित हो सकते हैं। ऐसे काम करें जिससे तारीफ़ मिले। छोटी-छोटी जीत या सफलता का उत्सव मनाने से भी डोपामाइन हार्मोन बढ़ता है। इसके अलावा किसी कार्य में असफलता मिली है तो निराश होने के बजाय दोबारा कोशिश करें। ख़ुद पर ध्यान दें, सेहत का ख़्याल रखें और पसंद का भोजन करें।
सेरोटोनिन हार्मोन
ये हार्मोन मूड को स्थिर रखने का कार्य करता है। आपके पाचन, नींद की क्रिया और हड्डी की सेहत भी नियंत्रित करता है। इतना ही नहीं, यह तनाव, अवसाद और चिंता को दूर करने का भी काम करता है। आप रोज़ाना कैसा महसूस करते हैं, इसमें सेरोटोनिन हार्मोन अहम भूमिका होती है। लिहाज़ा जब भी मन उदास लगे तो सेरोटोनिन हार्मोन बढ़ाने की कोशिश करें।
इसे ऐसे बढ़ाएं....
रोज़ नियम से व्यायाम करें, जिससे आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा। हमेशा सकारात्मक पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करें। यदि आप किसी काम में विफल होते हैं और उसके बारे में ही सोचते रहेंगे तो सेरोटोनिन हार्मोन का स्तर कम होता जाएगा।
आपने जो खोया है उस पर ध्यान न देते हुए जो हासिल किया है उस पर ध्यान देंगे तो हॉर्मोन का स्राव बढ़ेगा। इसके अलावा रोज़ कुछ नया करने की कोशिश करने के लिए ख़ुद को चुनौती दें।
ऑक्सीटोसिन हार्मोन
ये लव हार्मोन के नाम से भी जाना जाता है, जिसके बढ़ने से रिश्तों में विश्वास और प्रेम बढ़ता है। अभिभावकों और बच्चों के रिश्तों को मज़बूत करने में भी इसका महत्व है। स्पर्श, जैसे बच्चे को स्तनपान कराते वक़्त, किसी को गले लगाने से या पालतू के साथ खेलने से भी इस हार्मोब का स्राव बढ़ता है।
इसे ऐसे बढ़ाएं...
दोस्तों और परिवार के साथ समय बिताएं और हो सके तो उन्हें गले लगाकर प्रेम ज़ाहिर करें। घर में बच्चे हैं तो उनके साथ खेलें।
बहुत बढ़िया लेख. ख़ुशी को तलाशने की बजाय व्यक्ति ख़ुद को तराशे.
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