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*कोरोना में सर्वाधिक मुश्किल दौर में हैं किशोर और युवा* डॉ. कंचन दीक्षित ++++++++++++++ Dr. Kanchan Dixit कोरोना महामारी ने पूरे विश्व के लोगों की दिनचर्या को अस्त-व्यस्त कर के रख दिया है. अपना देश हो या फिर यूरोपियन देश, विकसित देश रहे हों या विकासशील देश सभी इस महामारी के संकट को झेलते नजर आये हैं. कोरोना के कारण बहुतायत में रोजगार बंद हुए, बहुतायत में लोगों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा. तमाम सारे लोगों के कैरियर पर संकट आ खड़ा हुआ. कोरोना के कारण समय-समय पर लगते लॉकडाउन के कारण भी लोग घरों के अन्दर कैदी जैसी स्थिति में आ गए. जो लोग वर्क फ्रॉम होम में थे, वे भी सहजता का अनुभव नहीं कर रहे थे. उनके ऊपर भी काम का अत्यधिक बोझ था ही साथ ही एक नयी तरह की कार्य-प्रणाली का वे अनुभव कर रहे थे. ऐसे में बहुत से लोग शारीरिक परेशानियों से जूझ रहे थे तो बहुत से लोग मानसिक समस्या का शिकार हो रहे थे. मनोविज्ञान क्षेत्र के लेजेंड साइकियाट्री के जर्नल में मानसिक स्वास्थ्य के संबंध में छपी रिपोर्ट के अनुसार कोरोना के कारण मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है और भविष्य में ...